बदलते मौसम में अस्थमा रोगियों को रहना होगा और भी सजग, जान लें लक्षण, कारण और बचने के तरीके

बदलते मौसम में अस्थमा रोगियों को रहना होगा और भी सजग, जान लें लक्षण, कारण और बचने के तरीके

सेहतराग टीम

सभी लोग स्वस्थ रहना चाहते हैं। ऐसे में लोग अलग-अलग तरीके के प्रावधान करते हैं। वैसे हमारे शरीर के सभी अंग अगर सुचारू रूप से काम करते हैं तो हम तदुरूस्त रहते हैं। वहीं बदलते मौसम में लोगों को श्वसन तंत्र से संबंधित कई समस्याएं परेशान करने लगती हैं। इस समस्या को हम अस्थमा कहते हैं। अगर ये हमारा सही रहता है तो हम अच्छे से सांस लेते हैं और हम ठीक से सभी काम भी कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि अस्थमा के क्या लक्षण हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं।

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अस्थमा के लक्षण (Asthma symptoms in Hindi):

खांसी, सांस लेने में तकलीफ, घुटन, बेचैनी, अनिद्रा, भोजन में अरुचि, आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। रात के समय अकसर यह समस्या बढ़ जाती है क्योंकि वातावरण में ऑक्सीज़न का लेवल कम हो जाता है और लेटने पर फेफड़ों तक सही ढंग से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, इसलिए सांस लेने में तकलीफ़ बढ़ जाती है।

अस्थमा से रहें एलर्ट (Careful Prevention for Asthma Patients in Hindi):

यह श्वसन तंत्र से जुड़ी ऐसी समस्या है जिसकी वजह से सांस की नलियों में सूजन आ जाती है, जिससे वे सिकुड़ कर संकरी हो जाती है और व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। वैसे तो किसी को भी एस्थमा हो सकता है, लेकिन ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों में इसके लक्षण नज़र आते हैं क्योंकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोरी होती है।

कारण (Causes of Asthma in Hindi):

चूंकि यह एक तरह की एलर्जी है इसलिए धूलकण, धुआं, फूलों के पराण-कण, किसी तरह की तेज गंध जैसे परफ्यूम, अगरबत्ती, मसालों की छौंक आदि की वजह से ऐसी समस्या हो सकती है। पालतू पशुओं घर पर लगाए जाने वाले पेंट आदि से भी यह समस्या बढ़ जाती है।

बचाव एवं उपचार (Prevention and Treatment for Asthma Patient in Hindi)

  • अपने घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
  • किचन में चिमनी या एग्जॉस्ट फैन की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी वजह है, इसलिए घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना न भूलें।
  • जंक फूड में मौजूद प्रिजर्वेटिव्स एस्थमा की एलर्जी को बढ़ा देते हैं, इसलिए ऐसी चीज़ों से दूर रहें।
  • बदलते मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष रूप से ध्यान रखें। 
  • उन वस्तुओं से दूर रहें, जो एस्थमा की एलर्जी को बढ़ा देती हैं।
  • जब भी कोई लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से सलाह लें और सभी निर्देशों का पालन करें। 
  • आमतौर पर दवाओं से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • बच्चों में एस्थमा के लक्षण कुछ सालों बाद अपने आप दूर हो जाते हैं क्योंकि उम्र के साथ बच्चों की इम्यूनिटी भी बढ़ती है, जिससे उनका शरीर इस बीमारी से लड़ने में सक्षम हो जाता है।
  • इनहेलर का इस्तेमाल ज्यादा असरकारी होता है क्योंकि इससे दवा सीधे लंग्स तक पहुंचती है।
  • गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को हमेशा अपने साथ दवा और इनहेलर रखने की सलाह दी जाती है।

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